हरियाणा में तीनों निर्दलीय विधायकों का BJP को समर्थन:इनमें देश की सबसे अमीर महिला भी शामिल; भाजपा के पास अब 51 MLA हुए
हरियाणा में बहुमत में आई BJP के सरकार बनाने से पहले ही सियासी खेल शुरू हो गया है। यहां चुनाव जीते तीनों निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दे दिया है। पहले गन्नौर से देवेंद्र कादियान और बहादुरगढ़ से राजेश जून और फिर हिसार से सावित्री जिंदल इसके लिए दिल्ली पहुंची।
हरियाणा में बहुमत में आई BJP के सरकार बनाने से पहले ही सियासी खेल शुरू हो गया है। यहां चुनाव जीते तीनों निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दे दिया है। पहले गन्नौर से देवेंद्र कादियान और बहादुरगढ़ से राजेश जून और फिर हिसार से सावित्री जिंदल इसके लिए दिल्ली पहुंची। जहां उनकी हरियाणा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, सहप्रभारी बिप्लब देब और प्रदेश अध्यक्ष मोहन बड़ौली से मुलाकात हुई। इनके समर्थन के बाद अब प्रदेश में भाजपा के पास सरकार के लिए विधायकों की संख्या 51 हो जाएगी। भाजपा ने 48 सीटों पर चुनाव जीता है। कादियान और सावित्री जिंदल ने टिकट न मिलने पर BJP से बगावत की थी।
वहीं राजेश जून ने कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ा था। सावित्री जिंदल देश की सबसे अमीर महिला हैं। उनके बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से BJP के सांसद हैं। हालांकि चुनाव प्रचार से दूरी रखने के बाद मां की जीत पर वह विजयी जुलूस में साथ नजर आए थे। कादियान ने पहले ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) को समर्थन देने का ऐलान किया है। इसे लेकर उन्होंने बुधवार को गन्नौर में अपने समर्थकों से मीटिंग की। इसके बाद उन्होंने कहा कि अधिकतर समर्थकों ने सरकार के साथ जाने की बात कही।
समर्थन देने वाले तीनों विधायकों के बारे में पढ़ें... सावित्री हिसार से BJP ने टिकट नहीं दी, निर्दलीय चुनाव लड़ा सावित्री जिंदल हाल ही में देश की सबसे अमीर महिला घोषित की गईं थी। वह अपना आखिरी चुनाव बताकर हिसार से BJP की टिकट पर दावेदारी जता रहीं थी। हालांकि भाजपा से लगातार 2 बार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता टिकट लेने में कामयाब रहे। इसके बाद सावित्री जिंदल पहले कांग्रेस में जाने वाली थी। ऐन मौके पर भाजपा को इसकी भनक लग गई। उन्होंने पार्टी के कुरुक्षेत्र से सांसद और सावित्री जिंदल के बेटे नवीन जिंदल को फोन कर इसे रुकवाया। इसके बाद सावित्री ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गईं। जून ने पहले भी निर्दलीय चुनाव लड़ा, दूसरी बार नामांकन वापस लिया हरियाणा की बहादुरगढ़ सीट पर राजेश जून ने निर्दलीय चुनाव जीता है।
झज्जर जिले की बहादुरगढ़ सीट से राजेश जून कांग्रेस से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन उनको टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे। कांग्रेस ने उनकी जगह राजिंद्र जून को बहादुरगढ़ से टिकट दिया जो 2019 में भी इस सीट पर जीते थे। राजेश जून ने 2014 के विधानसभा चुनावों में बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने राजेंद्र जून के पक्ष में अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया था।
कादियान ने कांग्रेस उम्मीदवार को हराया देवेंद्र कादियान ने गन्नौर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप शर्मा को मात दी है। देवेंद्र को सीट पर कुल 77248 वोट मिले। वहीं, कुलदीप शर्मा 42039 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। इस तरह देवेंद्र ने 35209 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। टिकट कटने पर पार्टी छोड़ी, लाइव आकर रोए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले देवेंद्र कादियान ने भाजपा का साथ छोड़ा था। वह करीब 10 साल से क्षेत्र में सक्रिय थे। पार्टी छोड़ने का कारण उन्हें गन्नौर से भाजपा का टिकट न मिलना रहा। देवेंद्र पार्टी से टिकट मांग रहे थे, लेकिन भाजपा ने देवेंद्र कौशिक को अपना उम्मीदवार बना लिया था। इसके बाद देवेंद्र कादियान ने पार्टी छोड़ दी। देवेंद्र ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर पार्टी छोड़ने व निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू भी निकल आए थे।
युवा कांग्रेस से की थी राजनीति की शुरुआत देवेंद्र कादियान मन्नत ग्रुप होटल्स के चेयरमैन हैं। उन्होंने राजनीति की शरुआत युवा कांग्रेस में की। वह राहुल गांधी के करीबी रहे। युवा कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं। 2018 में भूपेंद्र हुड्डा से नाराजगी के बाद कांग्रेस छोड़ कर उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली थी। तब वह भाजपा में टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने टिकट निर्मल चौधरी को दिया। देवेंद्र क्षेत्र में समाजसेवी की छवि रखते हैं। फ्री में एंबुलेंस चला रहे हैं, गरीब युवाओं की शिक्षा में भी सहयोग कर रहे हैं। कादियान ने कहा- जेब में इस्तीफा भी तैयार रखेंगे देवेंद्र कादियान ने कहा कि क्षेत्र की जनता ने उन पर भरोसा जताया है। अब वह पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने बैठक में लोगों से राय जानी कि अब उनका राजनीति में अगला कदम क्या होना चाहिए?
इस पर लोगों ने हाथ खड़े कर कहा कि उन्हें सरकार के साथ जाना चाहिए। इससे क्षेत्र में विकास के द्वार खुलेंगे। इसके बाद देवेंद्र कादियान ने ऐलान किया कि वह भाजपा को समर्थन देंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों, कर्मियों या किसी वर्ग के लोगों पर सरकार की ओर से जुल्म या पहले की तरह लाठियां बरसाई गईं तो वह अपना समर्थन तुरंत वापस ले लेंगे। वह अपनी जेब में इस्तीफा तैयार रखेंगे। सफाई के लिए 2 मशीनें देने का ऐलान देवेंद्र कादियान ने बुधवार को गन्नौर के चिराग गार्डन में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई थी। चुनाव से पहले उन्होंने समर्थकों से कहा था कि रिजल्ट के अगले दिन यहां एकत्रित होंगे। यहां उन्होंने अपने वादे के अनुसार सफाई के कार्य के लिए 2 मशीनें देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि देवा फाउंडेशन की ओर से 90 लाख रुपए कीमत की ये मशीनें लोगों को समर्पित की जाएंगी। एक मशीन आज शाम तक आने की उम्मीद है। जल्द ही इनके फोटो-वीडियो वह जनता से शेयर करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था, लेकिन अब वह लोगों के कहने पर भाजपा का साथ देंगे। कल से शहर की सड़कों पर सफाई के लिए एक ऑटोमैटिक मशीन आएगी।