संस्कृति मंत्रालय के सौजन्य से ग्रामीण विकास संस्था की ओर से सांग का मंचन

भास्कर न्यूज | जींद गांव लोहचब के एक बैंक्वेट हाल में संस्कृति मंत्रालय के सौजन्य से ग्रामीण विकास संस्था द्वारा राय धनपत सिंह द्वारा लिखित राजा नल दमयंती सांग का आयोजन किया गया। संस्था के सचिव विजय कुमार ने बताया कि विलुप्त होती हरियाणवी संस्कृति को बचाने के लिए एक मुहिम के अंतर्गत मुख्य सांगी संजय लाखनमाजरा द्वारा सांग की प्रस्तुति दी गई। सांग के माध्यम से दर्शाया गया निषद देश के राजा नल बदरूप देश में कुंदनपुर नगरी के राजा भीम सेन महाराज है। इसकी लड़की का नाम दमयंती था। राजा नल हंस को पकड़ लेता है। हंस कहता है महाराज मेरे को क्यो पकड़ लिया। राजा नल कहते हैं। तुम्हे मैं अपने पास रखूंगा।हंस कहता है मेरे को क्यों पकड़ते हो, आप मेरी बात पकड़ लो। अब हंस कहता है महाराज मैं आपकी शादी करवा दूंगा। महाराज बिदरप देश में कुंदनपुर नगरी जहां के राजा भीमसेन महाराज हैं, जिसकी लड़की का नाम दमयंती है। वह बड़ी खुबसूरत और बड़ी अक्लमंद है। आपकी जोड़ी के काबिल है। राजा नल कहते है कि आप झूठ तो नहीं कहते हैं। हंस कहता है, यह बिल्कुल सच्चाई है। महाराज इस बाते को सुनकर राजा हंस को छोड़ देते हैं। अब हंस वहां से उड़के बीदरथ देश के कुंदनपुर नगरी दमयंती के बागों में आ जाते है। उधर राजा नल भी उनके प्रेम में आज जाते हैं।

संस्कृति मंत्रालय के सौजन्य से ग्रामीण विकास संस्था की ओर से सांग का मंचन
भास्कर न्यूज | जींद गांव लोहचब के एक बैंक्वेट हाल में संस्कृति मंत्रालय के सौजन्य से ग्रामीण विकास संस्था द्वारा राय धनपत सिंह द्वारा लिखित राजा नल दमयंती सांग का आयोजन किया गया। संस्था के सचिव विजय कुमार ने बताया कि विलुप्त होती हरियाणवी संस्कृति को बचाने के लिए एक मुहिम के अंतर्गत मुख्य सांगी संजय लाखनमाजरा द्वारा सांग की प्रस्तुति दी गई। सांग के माध्यम से दर्शाया गया निषद देश के राजा नल बदरूप देश में कुंदनपुर नगरी के राजा भीम सेन महाराज है। इसकी लड़की का नाम दमयंती था। राजा नल हंस को पकड़ लेता है। हंस कहता है महाराज मेरे को क्यो पकड़ लिया। राजा नल कहते हैं। तुम्हे मैं अपने पास रखूंगा।हंस कहता है मेरे को क्यों पकड़ते हो, आप मेरी बात पकड़ लो। अब हंस कहता है महाराज मैं आपकी शादी करवा दूंगा। महाराज बिदरप देश में कुंदनपुर नगरी जहां के राजा भीमसेन महाराज हैं, जिसकी लड़की का नाम दमयंती है। वह बड़ी खुबसूरत और बड़ी अक्लमंद है। आपकी जोड़ी के काबिल है। राजा नल कहते है कि आप झूठ तो नहीं कहते हैं। हंस कहता है, यह बिल्कुल सच्चाई है। महाराज इस बाते को सुनकर राजा हंस को छोड़ देते हैं। अब हंस वहां से उड़के बीदरथ देश के कुंदनपुर नगरी दमयंती के बागों में आ जाते है। उधर राजा नल भी उनके प्रेम में आज जाते हैं।