राम रहीम की पैरोल पर चुनावी घमासान: कांग्रेस-भाजपा में टकराव

हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच राम रहीम को मिली पैरोल पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर विरोध जताया। भाजपा ने इसे कानून का मामला बताया। जानें दोनों पार्टियों की प्रतिक्रिया और डेरा सच्चा सौदा का चुनाव पर प्रभाव।

राम रहीम की पैरोल पर चुनावी घमासान: कांग्रेस-भाजपा में टकराव

डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को हरियाणा चुनाव के बीच पैरोल देने पर घमासान मच गया है। कांग्रेस का कहना है कि राम रहीम वोटिंग को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने इसके खिलाफ चुनाव आयोग को चिट्‌ठी तक लिखी। वहीं भाजपा ने इसको लेकर खुद का बचाव किया है। CM नायब सैनी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि ये कानून का विषय है। उसी हिसाब से पैरोल मिली है। कांग्रेस बेवजह मामले को तूल दे रही है। वहीं राम रहीम के बुधवार सुबह 6 बजे जेल से बाहर आने के बाद डेरे का भी सियासी खेल शुरू हो गया है।

डेरे ने हरियाणा के हर ब्लॉक में 2 दिन की नामचर्चा बुला ली। जो आज (2 अक्टूबर) और कल(3 अक्टूबर) को चलेगी। माना जा रहा है कि यहीं डेरे के श्रद्धालुओं को 5 अक्टूबर की वोटिंग से पहले राजनीतिक पार्टी के समर्थन का संकेत दिया जाएग। यह बात अलग है कि डेरा हमेशा चुनाव में किसी एक पार्टी को सपोर्ट करने से इनकार करता रहा है लेकिन पैरोल की टाइमिंग को देखते हुए विरोधी इसको लेकर सवाल उठाते रहते हैं। राजनीतिक एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर डेरे के वोटर एकतरफा हुआ तो उन सीटों पर इसका असर पड़ सकता है, जहां 2 उम्मीदवारों और खासकर भजपा-कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला है। राम रहीम की पैरोल पर किसने क्या कहा... कांग्रेस बोली- मास बेस, चुनाव प्रभावित कर सकता है कांग्रेस ने राम रहीम की पैरोल का विरोध करते हुए भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को एक चिट्‌ठी लिखी थी।

उसमें कहा गया है कि राम रहीम जेल से बाहर आया तो चुनाव को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, उसे आचार संहिता के दौरान पैरोल न दी जाए। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के लीगल सेल के केसी भाटिया की ओर से यह चिट्ठी लिखी गई है। इसमें यह भी कहा गया कि हरियाणा में राम रहीम का मास बेस है। इसके चलते हरियाणा के चुनावों को डेरा प्रमुख प्रभावित कर सकता है। इससे पहले भी डेरा प्रमुख जेल से पैरोल और फरलो के जरिए बाहर आकर चुनावों को प्रभावित कर चुका है। BJP अध्यक्ष बोले- इसका चुनाव से संबंध नहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली ने कहा- ये चाहे कोई धर्म का मामला हो या फिर साधु संतों का, कांग्रेस के लोग ऐसे हैं जो राम को भी नहीं मानते।

इनका कोई सिद्दांत नहीं है। आज चुनाव चल रहे हैं, सर्वोच्च न्यायालय हो या फिर कोई दूसरा न्यायालय, जब कोई फैसला लेती है तो चुनाव से इसका कोई संबंध नहीं होता। थोड़ी दिन पहले भी उनकी पैरोल हुई थी, उस पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए थे। आज सुबह फिर कोर्ट से उन्हें पैरोल मिली है। वो एक कानूनी प्रक्रिया है इसमें कांग्रेस को क्या लाभ होता है वह तो कांग्रेस के लोग ही जानें। भारतीय जनता पार्टी सबका आदर करती है। सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करना चाहिए, हम कोर्ट के किसी भी फैसले पर टिप्पणी नहीं करते। CM सैनी बोले- हमारा नहीं कोर्ट का विषय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा- कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है। ये माननीय कोर्ट का विषय है किसको पैरोल देनी है किसको नहीं देनी है। ये कोर्ट का विषय है सरकार का नहीं है।

इनको कोई जानकारी नहीं है तो ये जानकारी रखें, कि हमारा कोई विषय नहीं है। इसके ऊपर, माननीय कोर्ट किसको पैरोल दे रहा है, ये कोर्ट का विषय है हमारा नहीं। हरियाणा की 36 सीटों पर डेरे के श्रद्धालुओं के वोट बैंक का असर चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि हरियाणा सरकार से कहा गया है कि अगर राम रहीम आचार संहिता या शर्तों का उल्लंघन करता है तो पैरोल तुरंत कैंसिल कर दी जाएगी। हरियाणा में 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा। इसी वजह से राम रहीम की पैरोल को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। हरियाणा की 36 सीटों डेरे से जुड़े श्रद्धालुओं का वोट बैंक है। यौन शोषण और मर्डर केस में राम रहीम रोहतक जेल में सजा काट रहा है। पैरोल के दौरान राम रहीम उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरनावा आश्रम में रहेगा।

पिछली बार 21 दिन की फरलो पर बाहर आया था राम रहीम साध्वियों के यौन शोषण और मर्डर केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम 20 साल की कैद काट रहा है। उसने हाल ही में सरकार से इमरजेंसी पैरोल मांगी थी। जेल विभाग को आवेदन कर 20 दिन की पैरोल देने के लिए कहा। इस दौरान उसने उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहने की बात कही। इससे पहले राम रहीम अगस्त में 21 दिन की फरलो पर बाहर आया था। 2 केस में कैद, एक में बरी हो चुका राम रहीम राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को 2 साध्वियों के यौन शोषण केस में दोषी ठहराया गया था। इसी साल 27 अगस्त को उसे गिरफ्तार किया गया।

इस केस में 28 अगस्त 2017 को उसे 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। जिसके बाद से वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 11 जनवरी 2019 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया और 17 जनवरी 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। उसे 2021 में रणजीत सिंह हत्याकांड में भी दोषी ठहराते हुए उम्रकैद दी गई थी। हालांकि इसी साल 28 मई को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में उसे बरी कर दिया।