हरियाणा में राव इंद्रजीत की नाराजगी से BJP में हड़कंप
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की नाराजगी ने BJP में हड़कंप मचा दिया है। पहले केंद्रीय मंत्री न बनाने और अब बेटी व समर्थकों के टिकट पक्के न होने को लेकर राव की नाराजगी ज्यादा बढ़ गई थी।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की नाराजगी ने BJP में हड़कंप मचा दिया है। पहले केंद्रीय मंत्री न बनाने और अब बेटी व समर्थकों के टिकट पक्के न होने को लेकर राव की नाराजगी ज्यादा बढ़ गई थी। इसका पता चलते ही केंद्रीय नेतृत्व ने इसमें सीधी एंट्री ली। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राव इंद्रजीत को दिल्ली बुला लिया। उनके साथ केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को भी मीटिंग में आने को कहा गया। शाम होते-होते सीएम नायब सैनी भी दिल्ली पहुंच गए। प्रदेश चुनाव समिति में दिखाई थी नाराजगी कुछ दिन पहले गुरुग्राम में भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति की मीटिंग हुई थी।
जिसमें भाजपा ने राव इंद्रजीत को उनकी बेटी आरती राव के लिए सीट चुनने को कहा था। यह सुनकर राव ने दोटूक इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह आरती राव और पार्टी के बीच का मामला है। वह कोई बात नहीं करेंगे। आरती राव चुनाव लड़ेगी या नहीं और अगर लड़ेगी तो कौन सी सीट से, यह फैसला आरती राव का ही होगा। बेटी को लगातार 2 बार से BJP ने टिकट नहीं दी राव इंद्रजीत से जुड़े सूत्रों के मुताबिक 2014 कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने के बाद से ही वे आरती राव को चुनाव लड़वाना चाहते थे। इसके लिए पहले 2014 और फिर 2019 में उन्होंने आगे बढ़कर टिकट मांगी।
हालांकि उनकी मांग को खारिज कर दिया। जिसकी वजह से आरती चुनाव लड़ने की पॉलिटिक्स में एंट्री नहीं कर पाई। इसी वजह से राव नाराज बताए जा रहे हैं। समर्थकों के नाम शुरूआती लिस्ट में तक नहीं थे राव इंद्रजीत की ज्यादा नाराजगी इस बात से थी कि अहीरवाल बेल्ट और उनके जनाधार वाले जिलों की सीटों पर उनके समर्थकों के नामों को शुरूआती लिस्ट तक के लायक नहीं समझा गया। प्रदेश चुनाव समिति की मीटिंग के बाद राव समर्थकों ने उन्हें बताया कि उन्होंने तो आवेदन किया था लेकिन जिला प्रधान ने आगे ही नाम नहीं बढ़ाए। इसके उलट कांग्रेस में सीधे आवेदन लिए गए। राव समर्थकों ने यह भी गुस्सा जताया कि 2014 में उनके साथ आने पर बाहरी कहकर टिकट पर विचार नहीं किया गया। 2019 में वह खट्टर के ग्रुप में नहीं थे तो टिकट नहीं मिली। अब फिर तीसरे चुनाव में उनके साथ नाइंसाफी हो रही है। राज्य मंत्री बनाए जाने से भी नाराज राव इंद्रजीत राव इंद्रजीत NDA की तीसरी बार बनी सरकार में फिर केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज हैं। वह 6 बार के लगातार सांसद हो चुके हैं। इसके बावजूद पहली बार करनाल लोकसभा से चुनाव जीते खट्टर को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। राव खुद कह चुके हैं कि वह सबसे ज्यादा बार राज्य मंत्री बनने का रिकॉर्ड बना चुके हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा था कि वे लगातार छठी बार सांसद बने हैं। वर्ष 2004 में भी वे राज्यमंत्री थे और अब 2024 में भी राज्यमंत्री हूं। मेरे से छोटे, पहली बार जीतकर आए लोगों को कैबिनेट में शामिल कर लिया गया।
हमारी अनदेखी की गई। राव इंद्रजीत ने मांगी थी 6 सीटें राव इंद्रजीत से जुड़े सूत्रों के मुताबिक राव इंद्रजीत सिंह ने बीजेपी से 6 सीटें मांगी थी। इसमें अटेली, नारनौल, कोसली, बावल, बादशाहपुर और पटौदी सीट शामिल हैं। राव इंद्रजीत की दावेदारी पर हाईकमान राव को अटेली, कोसली, बादशाहपुर और नारनौल सीट देने को तैयार है। इसके अलावा यह कहा गया था कि पटौदी और बावल सीट पर पार्टी के ही किसी कार्यकर्ता से राव कर रजामंदी से टिकट दे दी जाएगी। माना जा रहा है कि इससे राव ज्यादा खुश नजर नहीं आए। CM कुर्सी की दावेदारी शाह के ऐलान से खारिज हुई राव इंद्रजीत केंद्र में राज्य मंत्री बनाए जाने के बाद हरियाणा के अगले सीएम की कुर्सी पर दावेदारी जता रहे थे। उन्होंने अपने इरादे लोकसभा चुनाव में जीतकर स्पष्ट कर दिए थे। हालांकि कुछ दिन पहले पंचकूला में अमित शाह ने ऐलान कर दिया कि अगला चुनाव नायब सैनी की अगुआई में लड़ेंगे। इससे साफ हो गया कि अगर तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी तो फिर सीएम नायब सैनी ही होंगे।
खुद राव इंद्रजीत ने भी सीएम कुर्सी की दावेदारी पर कहा था कि अमित शाह नायब सैनी का ऐलान कर चुके हैं। राव कह चुके, राज्य सरकार का रास्ता अहीरवाल से जाता है इससे पहले राव इंद्रजीत हिसार में कह चुके हैं कि हरियाणा में सरकार का रास्ता अहीरवाल से जाता है। 2014 में अहीरवाल की वजह से ही भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला था। राव ने लोकसभा चुनाव के बाद कहा था कि हमने सोचा था कि लोकसभा चुनाव के बाद सरकार में परिवर्तन होगा। हम तो जीते, जितना जीतना चाह रहे थे, वह नहीं जीते। 10 में से 5 रह गई। दुख की बात है। अमित शाह भी नाराजगी दूर करने की कोशिश कर चुके इससे पहले अमित शाह भी राव की नाराजगी दूर करने की कोशिश कर चुके हैं। महेंद्रगढ़ में हुए पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में उन्होंने सीएम सैनी के ऊपर राव को तरजीह दी थी। हुआ यूं था कि अमित शाह स्टेज पर बैठे थे। उनके एक तरफ CM नायब सैनी और दूसरी तरफ प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली बैठे थे। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत शाह के बाद चौथे नंबर पर बैठे थे। इसी दौरान शाह खड़े हुए। उन्होंने CM को दाईं और से बाईं और जाने को कहा। उसी वक्त शाह ने इशारा कर राव इंद्रजीत को अपने पास बुलाया।