भूपेंद्र हुड्डा बोले- EVM गड़बड़ी पर कोर्ट जाएंगे- कहीं मानव पर मशीन भारी न पड़ जाए
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की हार पर भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कहीं मानव पर मशीन भारी न पड़ जाए। जरूरत पड़ी तो हम कोर्ट भी जाएंगे। हुड्डा बिहार के पटना में मीडिया से बात कर रहे थे। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा ने कहा- "हमने इलेक्शन कमीशन से शिकायत की है और उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो पार्टी कोर्ट भी जाएगी।
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की हार पर भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कहीं मानव पर मशीन भारी न पड़ जाए। जरूरत पड़ी तो हम कोर्ट भी जाएंगे। हुड्डा बिहार के पटना में मीडिया से बात कर रहे थे। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा ने कहा- "हमने इलेक्शन कमीशन से शिकायत की है और उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो पार्टी कोर्ट भी जाएगी। ऐसे न हो जाए कि मानव पर मशीन भरी पड़ जाए..."।
प्रदेश में हुए चुनाव में कांग्रेस के माहौल के बावजूद वह 37 सीटों पर सिमटकर रह गई। वहीं भाजपा ने 48 सीटें जीतकर बहुमत पा लिया। जिसके बाद कांग्रेस EVM में गड़बड़ी का आरोप लगा रही है। इसको लेकर कांग्रेस दिल्ली में चुनाव आयोग से मिल चुकी है। जिसमें 20 सीटों पर रिजल्ट में गड़बड़ी की शिकायत की गई है। EVM की बैटरी चार्जिंग का तर्क दे रही कांग्रेस कांग्रेस का दावा है कि मतगणना के दिन जिन EVM की बैटरी 99% चार्ज थी, उनसे भाजपा को बड़ी लीड मिली। वहीं जिन EVM की बैटरी 70-75% चार्ज थी, उनसे कांग्रेस को बढ़त मिली। कांग्रेस का कहना है कि दिन भर वोटिंग होने के बावजूद EVM 99% चार्ज कैसे रह सकती है। इसलिए वह गड़बड़ी की शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने जिन सीटों पर शक जताया, उनकी लिस्ट भी चुनाव आयोग को सौंपी थी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा था- EVM में कोई गड़बड़ी नहीं इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के लिए आयोजित की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह चुके हैं कि EVM में कोई गड़बड़ी नहीं है। उन्होंने कहा कि EVM की बैटरी कैलकुलेटर बैटरी की तरह सिंगल यूज बैटरी होती है। यह मोबाइल बैटरी की तरह नहीं है। आयुक्त ने ये भी कहा था कि EVM में एक प्रावधान है कि मशीनों को कम वोल्टेज की आवश्यकता होती है। कमिशनिंग के बाद जब मॉक पोल होता है तो शुरू में 99% बैटरी दिखती है। इसके साथ ही जब यह 7.4% से कम वोल्टेज होता है तो यह कम बैटरी दिखाता है। सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका याचिका इस मामले में कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट भी गई थी।
कांग्रेस की तरफ से प्रिया मिश्रा और विकास बंसल ने 20 सीटों पर वोटिंग-काउंटिंग में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। याचिका की जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। इस सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, 'ऐसी याचिका दायर करने पर आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आप कागजात सौंपिए, हम देखेंगे।' चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए पूछा, 'क्या आप चाहते हैं कि हम चुनी हुई नई सरकार का शपथग्रहण रोक दें?' कांग्रेस में हार पर अलग-अलग बातें राहुल गांधी ने नेताओं पर फोड़ा ठीकरा हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस ने समीक्षा बैठक बुलाई थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई मीटिंग में राहुल गांधी ने हार की वजह बताते हुए कहा कि हमारे नेताओं के इंटरेस्ट पार्टी के इंटरेस्ट से ऊपर हो गए थे।
इसके बाद राहुल गांधी वहां से चले गए। अध्यक्ष खड़गे का कहना था कि कमेटी बनाई है, उसकी रिपोर्ट के बाद इसके बारे में पता चलेगा। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में गुटबाजी-भीतरघात सामने आई कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल और राजस्थान कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी की अगुआई में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है। जिसने प्रदेश के 52 हारे उम्मीदवारों से बात की। जिसमें उम्मीदवारों ने हार के लिए गुटबाजी और भीतरघात को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जिसे टिकट नहीं मिली, उसने विरोधी को वोट डलवाए। कांग्रेस नेताओं ने ही हमें वोट देने से इनकार किया। यही नहीं, इशारों में भूपेंद्र हुड्डा को ही अगुआई पर सवाल खड़े करते हुए कहा गया कि जाट विरोधी वोटरों का भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण हो गया। हालांकि कुछ उम्मीदवारों ने ईवीएम पर भी शक जाहिर किया। सैलजा ने कहा- संगठन की कमी खली सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि चुनाव में कांग्रेस को संगठन की कमी खली।
वह खुद भी प्रधान रहीं लेकिन संगठन नहीं बना पाईं, इसका उन्हें मलाल है। उन्होंने हार के कारण पर कहा कि पार्टी इसकी समीक्षा कर रही है। भूपेंद्र हुड्डा पर कार्रवाई के मामले में उन्होंने कहा था कि इसका फैसला हाईकमान ने करना है। कांग्रेस में विपक्षी दल नेता का पद लटका कांग्रेस में हार के बाद मचे घमासान के बीच हरियाणा विधानसभा में विपक्षी दल नेता का पद लटका हुआ है। इसको लेकर 4 ऑब्जर्वरों ने चंडीगढ़ में विधायकों से मीटिंग की लेकिन नेता विपक्ष का चुनाव नहीं हो पाया। यहां हाईकमान को अधिकार दिए गए। हालांकि इसमें पेंच यह फंस गया कि ज्यादातर विधायकों ने भूपेंद्र हुड्डा की पैरवी की लेकिन सैलजा ग्रुप इसका विरोध कर रहा है।