रोहतक में बाल विवाह रोकने को अक्षय तृतीया पर अलर्ट:पिछले साल मिली 7 शिकायत, अप्रैल में मिल चुकी 2

रोहतक में अक्षय तृतीय पर बाल विवाह रोकने को लेकर प्रशासन ने सख्ती बरतनी आरंभ कर दी है। क्योंकि अक्षय तृतीय पर बड़े पैमाने पर शादियां होती है। जिनमें बाल विवाह होने की संभावना भी रहती है। इस बार 10 मई को अक्षय तृतीय है। जिसको लेकर जिले में संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी, जिला बाल कल्याण इकाई, सभी जिला परियोजना अधिकारियों व एमडीडी संस्था के साथ मिलकर बाल विवाह पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया हुआ है। अब तक आई शिकायतों की बात करें तो वर्ष 2022-23 में जिले में बाल विवाह से संबंधित 15 शिकायत आईं थी। जिसमें से 12 मामलों में शादी स्थगित करवाई और 3 में पुलिस ने कार्रवाई की। वहीं वर्ष 2023-24 में जिले में बाल विवाह से संबंधित 7 शिकायतें आई। इनमें से 6 मामलों में शादी स्थगित करवाई गई और 1 मामले में सूचना गलत पाई गई। अब तक वर्ष के पहले माह (अप्रैल) में बाल विवाह की 2 शिकायतें आई हैं। इन शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए दोनों शादियां स्थगित करवा दी गई। धार्मिक स्थलों के प्रमुखों से की बातचीत संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिन्दर कौर ने बताया कि बाल विवाह रोकथाम के लिए जिला के धार्मिक स्थलों के प्रमुखों के साथ बातचीत की है। वहीं उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ अभियान में शामिल होने की अपील की है। इनमें मुख्य रूप से माता दरवाजा स्थित माता मंदिर, गुरूद्वारा टिकाना साहिब, लाल मस्जिद व नूरानी मस्जिद, कलानौर स्थित सत जिन्दा कल्याणा आश्रम व कलानौर की मस्जिद में जाकर इस संबंध में अपील की गई। साथ ही बाल विवाह निषेध कानून से संबंधित पर्चे भी दिए गए। उन्होंने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए कुछ बैंक्वेट हाल संचालकों, प्रिंटिंग प्रैस मालिकों को भी जागरूक किया गया। इसके अलावा संबंधित महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों के साथ मिलकर आंगनबाड़ियों में महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही जिले के स्कूलों में भी बाल विवाह निषेध कानून को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। बाल विवाह कुरीति मिटाने में सहयोग की अपील की संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंद्र कौर ने कहा समाज के सभी वर्गों से अपील की कि बाल विवाह जैसी कुरीति को मिटाने में आगे आएं। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम लड़के को नाबालिग माना जाता है। 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह करना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है। इसके अलावा बाल विवाह की कोई कानूनी मान्यता नहीं है। दो साल तक की सजा व एक लाख जुर्माने का प्रावधान करमिंद्र कौर ने कहा कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, उसको बढ़ावा देता है या उस में सहायता करता है, उसको दो साल तक की सजा और एक लाख रूपये तक का जुर्माना हो सकता है। संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी ने जिले के नागरिकों से अपील की है कि रोहतक जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने में सहयोग करें। अगर किसी को भी अपने आसपास बाल विवाह के बारे में पता चले तो तुरन्त संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी, 181 व डायल 112 में सूचित करें।

रोहतक में बाल विवाह रोकने को अक्षय तृतीया पर अलर्ट:पिछले साल मिली 7 शिकायत, अप्रैल में मिल चुकी 2
रोहतक में अक्षय तृतीय पर बाल विवाह रोकने को लेकर प्रशासन ने सख्ती बरतनी आरंभ कर दी है। क्योंकि अक्षय तृतीय पर बड़े पैमाने पर शादियां होती है। जिनमें बाल विवाह होने की संभावना भी रहती है। इस बार 10 मई को अक्षय तृतीय है। जिसको लेकर जिले में संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी, जिला बाल कल्याण इकाई, सभी जिला परियोजना अधिकारियों व एमडीडी संस्था के साथ मिलकर बाल विवाह पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया हुआ है। अब तक आई शिकायतों की बात करें तो वर्ष 2022-23 में जिले में बाल विवाह से संबंधित 15 शिकायत आईं थी। जिसमें से 12 मामलों में शादी स्थगित करवाई और 3 में पुलिस ने कार्रवाई की। वहीं वर्ष 2023-24 में जिले में बाल विवाह से संबंधित 7 शिकायतें आई। इनमें से 6 मामलों में शादी स्थगित करवाई गई और 1 मामले में सूचना गलत पाई गई। अब तक वर्ष के पहले माह (अप्रैल) में बाल विवाह की 2 शिकायतें आई हैं। इन शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए दोनों शादियां स्थगित करवा दी गई। धार्मिक स्थलों के प्रमुखों से की बातचीत संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिन्दर कौर ने बताया कि बाल विवाह रोकथाम के लिए जिला के धार्मिक स्थलों के प्रमुखों के साथ बातचीत की है। वहीं उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ अभियान में शामिल होने की अपील की है। इनमें मुख्य रूप से माता दरवाजा स्थित माता मंदिर, गुरूद्वारा टिकाना साहिब, लाल मस्जिद व नूरानी मस्जिद, कलानौर स्थित सत जिन्दा कल्याणा आश्रम व कलानौर की मस्जिद में जाकर इस संबंध में अपील की गई। साथ ही बाल विवाह निषेध कानून से संबंधित पर्चे भी दिए गए। उन्होंने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए कुछ बैंक्वेट हाल संचालकों, प्रिंटिंग प्रैस मालिकों को भी जागरूक किया गया। इसके अलावा संबंधित महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों के साथ मिलकर आंगनबाड़ियों में महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही जिले के स्कूलों में भी बाल विवाह निषेध कानून को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। बाल विवाह कुरीति मिटाने में सहयोग की अपील की संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंद्र कौर ने कहा समाज के सभी वर्गों से अपील की कि बाल विवाह जैसी कुरीति को मिटाने में आगे आएं। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम लड़के को नाबालिग माना जाता है। 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह करना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है। इसके अलावा बाल विवाह की कोई कानूनी मान्यता नहीं है। दो साल तक की सजा व एक लाख जुर्माने का प्रावधान करमिंद्र कौर ने कहा कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, उसको बढ़ावा देता है या उस में सहायता करता है, उसको दो साल तक की सजा और एक लाख रूपये तक का जुर्माना हो सकता है। संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी ने जिले के नागरिकों से अपील की है कि रोहतक जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने में सहयोग करें। अगर किसी को भी अपने आसपास बाल विवाह के बारे में पता चले तो तुरन्त संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी, 181 व डायल 112 में सूचित करें।